Success Story: बागपत के किसान ने पारंपरिक खेती छोड़ शुरु किया मधुमक्खी पालन, अच्छी कमाई से वित्तीय स्थिति सुधरी

 

Success Story: बागपत के किसान ने पारंपरिक खेती छोड़ शुरु किया मधुमक्खी पालन, अच्छी कमाई से वित्तीय स्थिति सुधरी




Honey Bees Business: उत्तर प्रदेश में मधुमक्खी पालन से आज कई लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं. यह व्यवसाय पर्यावरण के लिए भी लाभदायक होता है. इसी क्रम में बागपत के रतनपुरी गांव निवासी किसान मदन कुमार मधुमक्खी पालन से सालाना 5 लाख रुपये की कमाई कर रहे है. 'किसान तक' से बातचीत में मदन ने बताया कि 2000 से हम मधुमक्खी पालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि पहले वह गेहूं धान और अन्य फसलों की खेती किया करते थे. लेकिन कुछ अलग करने की चाहत में मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया था. हापुड़ जिले से 10 बॉक्स को लाकर हमने इस काम को शुरू किया था. जो धीरे-धीरे 150 बॉक्स तक पहुंच चुका हैं.

मेरे शहद की मार्केट में अधिक डिमांड

रतनपुरी गांव निवासी किसान मदन कुमार बताते हैं कि मधुमक्खी पालन के लिए 4 बीघा जमीन में वह पालन करते हैं. अब वह शुद्ध शहद तैयार करते हैं, जिसकी मार्केट में एक अच्छी खासी पकड़ है और आसानी से बिक जाता है. उन्होंने बताया कि राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल में भी इसे खूब पसंद किया जाता है और उनके खेत में भी लोग पहुंचकर इस शहद को लेने आते हैं. एक किलो शहद की कीमत मार्केट में लगभग 400 रुपये होती है. मधुमक्खी पालन से एक साल में करीब 5 लाख की आमदनी हो जाती है.

कैसे होता है मधुमक्खी पालन

किसान मदन कुमार के मुताबिक, 2×2 के लकड़ी के बॉक्स लाकर उनमें मधुमक्खियां को छोड़ा जाता है और यह करीब 50 से 60 दिन में मधुमक्खी अपना शहद तैयार करना शुरू कर देती हैं. जिसे मक्खियों को साइड हटाकर बॉक्स में लगी जाली पर शहद इकट्ठा होता है और 50 से 60 दिन बाद उसे निकालकर मार्केट में बेच दिया जाता है. मार्केट में शहद की अच्छी खासी डिमांड होने के चलते रेट भी अच्छा मिल जाता है.

मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग बहुत जरूरी

उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण लेना बहुत जरूरी है. क्योंकि, मधुमक्खी एक जीवित जीवित प्राणी है और अगर इसे पूरे साल इनको मेंटेन करना है तो अलग अलग ऋतुओं और सीजन के हिसाब से इसे मैनेज करना पड़ता है. इसके अलावा मधुमक्खियों को किस टाइम पर किस तरह की फीडिंग करानी है उसकी जानकारी होनी चाहिए. जबकि, मधुमक्खियों को कैसे कीट पतंगों से या बीमारी से बचाना है उसकी जानकारी भी होनी चाहिए, ताकि संक्रमित जगह से बक्सों को किस तरह ट्रांसफर किया जा सके. मधुमक्खियों को किस तरह डिवाइड और यूनाइट करना आना चाहिए.

मधुमक्खी पालन से कई फायदे

मदन कुमार ने कहा कि बाजार में शहद के साथ ही मोम और अन्य मधुमक्खी के उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है. इस व्यवसाय में सबसे अच्छी बात यह है कि इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए ज्यादा पैसे की आवश्यकता नहीं होती. कम लागत में मधुमक्खी पालन के व्यवसाय को शुरू किया जा सकता है. क्योंकि मधुमक्खियां परागण करती है. इसलिए कई किसान यह व्यवसाय करके मुनाफा भी कमा रहे हैं और फसलों का उत्पादन भी बढ़ा रहे हैं.

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